असली मोती बहुत ही कीमती होता है आपको यह जानकर
आश्चर्य होगा कि मोटी समुद्र में पाए जाने वाले एक छोटा सा जीव घोंघा बनाता है जो जमीन पर भी दिखाई देता है
Note
खतरों के खिलाड़ी है ये
इसे बड़ी-बड़ी मछलियां खा जाती हैं
इसे इसके ही परिवार के बड़े सदस्य खा जाते हैं
जब यह जान बचाने के लिए धरती पर आता है तो मनुष्य इस को खा जाता है
अपनी जान बचाने के लिए यह अपने शरीर पर एक कड़ा खोल का निर्माण करता है जिसे सीप कहते हैंऔर इस सीप के अंदर ही मोटी का निर्माण होता है
Story of pearl(moti)
मोटी की खोज की कहानी बहुत ही दिलचस्प है लगभग 8 से 4000 वर्ष पहले एक चीनी आदमी भूख से पीड़ित था उसने खाने के लिए कुछ सीप इकट्ठा कीऔर उनको खोला कि उसमें कुछ खाने की चीज है मिले उसे उन कुछ सीपीओ में से एक गोल चमकदार चीज मिली जिसे मोटी कहा जाने लगा
क्या आप जानते हैं कि घोंघा मोटी का निर्माण कैसे करता है यदि किसी घोंघा के सीप में गलती से एक बालू का कन चला जाता है तो घोघा सीप की पदार्थ पर परत पर परत लगाए चला जाता है यह परत कैल्शियम कार्बोनेट की होती है कुछ समय बाद सीप में मोती बन जाता है जो गोल और सफ़ेद और चमकदार होता है यह आवश्यक नहीं कि मोटी सफेद ही हो इस का रंग गुलाबी लाल काला कुछ भी हो सकता है
Artificial pearl(moti)
अब तो मनुष्य ने भी कृत्रिम मोती बनाना शुरु कर दिया है इसके लिए मनुष्य सीप में कृत्रिम तरीके से बालू प्रवेश कराते हैं और 2 से 3 साल बाद सीप को पानी से बाहर निकालते हैं तो उसके अंदर मोती मिलता है
असली मोती बहुत ही कीमती होते हैं इन्हें खरीदना सबके बस की बात नहीं है
Biggest pearl(moti)
7 मई 1934 को फिलीपींस में एक ऐसा मोटी पाया गया जो 9:5 इंच लंबा और 5:30 इंच ब्यास का जिसका वजन 6 पॉइंट 37 किलो था इस मोटी का नाम lao tzu pearle
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